नरोदा पाटिया दंगे के गुनहगारों की सजा का ऐलान हो चुका है. कोर्ट ने गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 18 साल और बंजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना के बाद 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया में हुए दंगे में कोर्ट ने 62 में से 32 लोगों को दोषी करार दिया था. 29 को रिहा कर दिया गया जबकि एक की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई. दोषी करार दिए जाने वालों में बीजेपी की विधायक और गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे.
कोडनानी और बजरंगी पर धारा 120बी यानी आपराधिक साजिश रचने और दफा 302 यानी हत्या का आरोप साबित हुआ था. इस केस में कुल 327 लोगों की गवाही के बाद कोर्ट ने इन आरोपियों को दोषी पाया. नरोदा पाटिया केस गुजरात दंगों के उन नौ मामलों में एक है जिसकी जांच एसआईटी ने की थी.
नरोदा पाटिया केस में लोगों को इंसाफ दिलाने में आजतक की भी अहम भूमिका रही. आजतक ने गुजरात दंगों पर स्टिंग ऑपरेशन, ऑपरेश कलंक दिखाया था, जिसमें बाबू बजरंगी बड़े गर्व से दंगों में शामिल होने का दावा करते कैमरे में कैद हुए थे.
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