Sunday, September 30, 2012
Saturday, September 15, 2012
AHMED PATEL
अहमद पटेल पर नहीं डाला दोषः पीएम
मनमोहन, सोनिया, अहमद पटेल
मुंबई मिरर | Sep 15, 2012, 04.57PM IST
नई दिल्ली।। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुंबई मिरर में प्रकाशित उस खबर को निराधार बताते हुए उसका खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने कोलगेट कांड में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पर दोष मढ़ने की कोशिश की है।
यह समाचार हमने अपने सहयोगी अखबार मुंबई मिरर से लेकर नवभारत टाइम्स पर भी प्रकाशित किया था। मगर, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा खंडन किए जाने के बाद हम यह खबर अपनी वेबसाइट से हटा रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से हमें भेजा गया खंडन इस प्रकार है-
'प्रधानमंत्री कार्यालय का ध्यान मुंबई मिरर में आज 15 सितंबर 2012 को प्रकाशित एक खबर की ओर गया है। यह आरोप एकदम झूठ है कि प्रधानमंत्री ने यूपीए अध्यक्ष से बात की और उनसे कहा कि उनके कार्यालय ने कोल ब्लॉक आवंटन उनके राजनीतिक सचिव की सिफारिशों पर किए। यह रिपोर्ट फूहड़, गैरजिम्मेदार और शरारतपूर्ण है। उम्मीद है, दूसरी अखबार या मीडिया संस्थान इस निराधार खबर को पुनर्प्रस्तुत नहीं करेंगे।'
Friday, September 14, 2012
Janm Din?
As-Salamoalay kum....
Hamari Ziz Bhai dost shalgirah Mubark ho.Aalaah Aapko din or duniya me is roshan chirag ki tarha rakhey..or dinka dayi banaye..Allah tamam khushiya Ata kare Aap ko jis me Allah or uske rasool ki hiqmat ho..Allah Aapki umrah me barqat Ata kare.Allah Aapko khush rakhey
Aapka Aziz dost..........................ZaiN
Hamari Ziz Bhai dost shalgirah Mubark ho.Aalaah Aapko din or duniya me is roshan chirag ki tarha rakhey..or dinka dayi banaye..Allah tamam khushiya Ata kare Aap ko jis me Allah or uske rasool ki hiqmat ho..Allah Aapki umrah me barqat Ata kare.Allah Aapko khush rakhey
Aapka Aziz dost..........................ZaiN
Fatma Chaudhariposted toAhmed Badat
5 hours ago via mobile
Suraaj ki Kirne Aapko Roshni de.
Phoolon ki Khushboo Aapko Khushi de.
Ham to Kuch nhi de Sakte Aapko.
Dene wala Aapko Zindagi de..
~~Happy Birthday~~
Phoolon ki Khushboo Aapko Khushi de.
Ham to Kuch nhi de Sakte Aapko.
Dene wala Aapko Zindagi de..
~~Happy Birthday~~
Faisal Aliposted toAhmed Badat
ALLAH BLESS U
ALLAH ap ko sada salamat rakhe ALLAH ap ko sada khush rakhe aameen
***/\****/\****/\****
***\/****\/****\/****
***||****||****||******
***||****||****||******
**(-----------------)*****
**(-------Happy------)***
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**(-----Birth-day----)***
**(______________)***
Lovely msg for a Lovely Person
from Lovely Friend
For a Lovely Reason
at a Lovely Time
from a Lovely Mind
in a Lovely Mood
in a Lovely Style
to wish you
Have a Lovely "BirthDay"
@" " "@ a
( 'o' ) CUTE
(@)_ "_(@) Bear...
Wishing u..
A great Life
Happiness
always
***HAPPY BIRTHDAY** to u :))))
**(______________)***
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Wednesday, September 5, 2012
Kuch Bade Lekhak?
Kuch Badey Lekhak Apne Aapko logo ke Saamne Aadarshwadi Apne ko Dekhane ki kosis kartey hai magar ye Aalekh se jaaniye Inke kaarnaamey
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सुनील गंगोपाध्याय ने मेरा यौन उत्पीड़न किया थाः तस्लीमा
कोलकाता।। बांग्लादेशी
लेखिका तस्लीना नसरीन ने साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय पर
यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर भूचाल ला दिया है। उनके इस आरोप से बंगाल के
साहित्यिक जगत में जहां खलबली मच गई है, वहीं सुनील गंगोपाध्याय का कहना है
कि वह ऐसे आरोपों की परवाह नहीं करते।
तस्लीमा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, 'सुनील गंगोपाध्याय किताबों पर बैन लगवाने के लिए ही हैं। उन्होंने मेरा और दूसरी कई औरतों का यौन उत्पीड़न किया है।' इस बारे में उन्होंने शुभंकर मुखोपाध्याय के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि सन् 1999 में गंगोपाध्याय ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। उनके इस कबूलनामे पर ट्विटर पर कई लोगों ने यह सवाल भी पूछा है कि इतने साल वह चुप क्यों रहीं।
दरअसल, आइपीएस अधिकारी नजरुल इस्लाम की मुसलमानों पर केंद्रत किताब पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने जो कार्रवाई की है, उससे तस्लीमा काफी दुखी हैं। उन्होंने लोगों से पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करने की अपील की थी। तस्लीमा ने इस बारे में ट्विटर पर लिखा,'सुनील गंगोपाध्याय अभी किताब पर बैन के खिलाफ बोल रहे हैं। लेकिन यह वही शख्स हैं, जिन्होंने मेरी किताब 'द्विखंडितो' पर बैन लगवाया था।'
तस्लीमा ने इस मामले में कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने खबरों के लिंक ट्विटर पर शेयर करते हुए दावा किया कि सुनील गंगोपाध्याय मीडिया में झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने मेरी किताब द्विखंडितो पर बैन का समर्थन नहीं किया था।
तस्लीमा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, 'सुनील गंगोपाध्याय किताबों पर बैन लगवाने के लिए ही हैं। उन्होंने मेरा और दूसरी कई औरतों का यौन उत्पीड़न किया है।' इस बारे में उन्होंने शुभंकर मुखोपाध्याय के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि सन् 1999 में गंगोपाध्याय ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। उनके इस कबूलनामे पर ट्विटर पर कई लोगों ने यह सवाल भी पूछा है कि इतने साल वह चुप क्यों रहीं।
दरअसल, आइपीएस अधिकारी नजरुल इस्लाम की मुसलमानों पर केंद्रत किताब पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने जो कार्रवाई की है, उससे तस्लीमा काफी दुखी हैं। उन्होंने लोगों से पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करने की अपील की थी। तस्लीमा ने इस बारे में ट्विटर पर लिखा,'सुनील गंगोपाध्याय अभी किताब पर बैन के खिलाफ बोल रहे हैं। लेकिन यह वही शख्स हैं, जिन्होंने मेरी किताब 'द्विखंडितो' पर बैन लगवाया था।'
तस्लीमा ने इस मामले में कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने खबरों के लिंक ट्विटर पर शेयर करते हुए दावा किया कि सुनील गंगोपाध्याय मीडिया में झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने मेरी किताब द्विखंडितो पर बैन का समर्थन नहीं किया था।
Saturday, September 1, 2012
2002 ke Dangey kaa judgement
नरोडा पाटियाः कोडनानी को 28 साल, बजरंगी मौत तक जेल में
अहमदाबाद।।
गोधरा ट्रेन अग्निकांड के अगले दिन अहमदाबाद के नरोडा पाटिया इलाके में
हुए नरसंहार के मामले में एसआईटी कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मंत्री माया
कोडनानी, वीएचपी नेता बाबू बजरंगी व 29 अन्य को अलग-अलग धाराओं के तहत
उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोडनानी को कुल 28 साल और बाबू बजरंगी को मौत तक
जेल में रहना होगा। बाकी 29 दोषियों में 7 को 31 साल और 22 को 14 साल की
सजा सुनाई गई है। एक दोषी को फरार होने के कारण अभी सजा नहीं सुनाई गई।
कोडनानी को दो अलग-अलग धाराओं के तहत 10 और और 18 साल की सजा सुनाई गई। कोडनानी को हत्या के आरोप में उम्रकैद और साजिश रचने के आरोप में धारा 326 के तहत 10 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई। इस तरह उन्हें कुल 28 साल जेल में काटने होंगे। बाबू बजरंगी को मौत तक जेल की सजा सुनाई गई है।
करीब साढ़े दस साल पहले हुए इस दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 70 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनके खिलाफ 325 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी। आरोपियों में से 7 की मौत हो चुकी है, जबकि दो फरार हैं।
गवाहों ने अदालत में बताया कि तत्कालीन विधायक माया कोडनानी ने भीड़ को उकसाया था। बाद में कोडनानी महिला और बाल विकास मंत्री बनी थीं। मार्च 2009 में मंत्री रहते गिरफ्तार होने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
जज ज्योत्सना याज्ञनिक की अदालत में जिरह करते हुए सरकारी वकील ने सभी दोषियों को फांसी देने की मांग की। इसका विरोध करते हुए बचाव पक्ष ने दोषियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखने की गुजारिश की।
कोडनानी को दो अलग-अलग धाराओं के तहत 10 और और 18 साल की सजा सुनाई गई। कोडनानी को हत्या के आरोप में उम्रकैद और साजिश रचने के आरोप में धारा 326 के तहत 10 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई। इस तरह उन्हें कुल 28 साल जेल में काटने होंगे। बाबू बजरंगी को मौत तक जेल की सजा सुनाई गई है।
करीब साढ़े दस साल पहले हुए इस दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 70 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनके खिलाफ 325 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी। आरोपियों में से 7 की मौत हो चुकी है, जबकि दो फरार हैं।
बुधवार को विशेष अदालत ने इस मामले में 32 लोगों को दोषी करार दिया था,
जबकि 29 को बरी कर दिया था। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी मानी जाने
वाली पूर्व मंत्री माया कोडनानी को अपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास
के तहत दोषी करार दिया गया था। अन्य को दंगा फैलाने, आगजनी सहित अन्य
आरोपों में दोषी पाया। एक आरोपी सुरेश उर्फ रिचर्ड चारा पर बलात्कार का भी
आरोप साबित हुआ है।
गवाहों ने अदालत में बताया कि तत्कालीन विधायक माया कोडनानी ने भीड़ को उकसाया था। बाद में कोडनानी महिला और बाल विकास मंत्री बनी थीं। मार्च 2009 में मंत्री रहते गिरफ्तार होने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
जज ज्योत्सना याज्ञनिक की अदालत में जिरह करते हुए सरकारी वकील ने सभी दोषियों को फांसी देने की मांग की। इसका विरोध करते हुए बचाव पक्ष ने दोषियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखने की गुजारिश की।
2002 ke dangey kaa judgement
नरोदा पाटिया दंगे के गुनहगारों की सजा का ऐलान हो चुका है. कोर्ट ने गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 18 साल और बंजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना के बाद 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया में हुए दंगे में कोर्ट ने 62 में से 32 लोगों को दोषी करार दिया था. 29 को रिहा कर दिया गया जबकि एक की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई. दोषी करार दिए जाने वालों में बीजेपी की विधायक और गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे.
कोडनानी और बजरंगी पर धारा 120बी यानी आपराधिक साजिश रचने और दफा 302 यानी हत्या का आरोप साबित हुआ था. इस केस में कुल 327 लोगों की गवाही के बाद कोर्ट ने इन आरोपियों को दोषी पाया. नरोदा पाटिया केस गुजरात दंगों के उन नौ मामलों में एक है जिसकी जांच एसआईटी ने की थी.
नरोदा पाटिया केस में लोगों को इंसाफ दिलाने में आजतक की भी अहम भूमिका रही. आजतक ने गुजरात दंगों पर स्टिंग ऑपरेशन, ऑपरेश कलंक दिखाया था, जिसमें बाबू बजरंगी बड़े गर्व से दंगों में शामिल होने का दावा करते कैमरे में कैद हुए थे.
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