Thursday, November 22, 2012

इश्क - ए - Ahsani

इश्क - ए - Ahsani (एहसान की खातिर प्यार): यह प्यार का सबसे कमजोर रूप में है कि यह पाखंडी है और मौजूद है के रूप में ही लंबे समय के रूप में प्यारी जो प्रेमी होने का दावा करने के लिए एहसान का विस्तार रहता है.

हजरत हाजी Imdadullah आरए ने कहा कि हम केवल अल्लाह के लिए प्यार की इस तरह की है. हम उनकी जबरदस्त दया और हम पर एहसान की वजह से हमारे प्यार दावे, लेकिन हम जैसे ही हम थोड़ी सी भी क्लेश के साथ दिए गए हैं कि प्यार में लड़खड़ाना. एक छोटे दुर्भाग्य या कठिनाई का कारण बनता है 1 हमारी प्रार्थना की लापरवाही हो. अगर हम थोड़ी सी वित्तीय कठिनाई में गिर हम मस्जिद के साथ हमारे संबंधों को तोड़ने के क्योंकि हम अतिरिक्त घंटे काम करने की जरूरत महसूस हो रहा है. यही कारण है कि यह प्यार का सबसे कमजोर रूप है, क्योंकि यह संबंध में थोड़ी सी भी अशांति के साथ टूट गया है.

शेख़ जुल्फिकार अहमद Naqshbandi

Quran-10:62

 
As-salamualykum warahmatullahi wabarkatuh.
Dosto Piyaro yaaro Azizo Buzurgo Ajj Jummaka piyara Mubarak Din hai
Aap sab Namaz e Jumma padegey Allah ka zikr karegey Quran padegey
Sadka khairat degey Allah se Ro Ro ke Dua e Karegey Muje Aapko yaad dilana hai ki Aapki nek Dua o mai Duniya ke sab mazlum musalmano ko aur
pure Aalam ke musalmano ke liye khair aur musibat door ho aur Allah Rabbul Ijzat Zalimo ka gaarat karke duniya ki sarzamiko paksaaf karey aur duniyamai chain sukun aur amnoaaman kayam karey jaisi dua e maangey aur muj gunahgar ke liye bi kuch maang lena sukriya jazahkallah
पैगंबर मोहम्मद ने एक बार कहा "आला fakhrun faqri वा faqra minni" मैं Faqiri का गर्व और फकीर मुझ से है. सूफी जो लोग इस्लाम के सच्चे इरादे ले लिया है आगे और संदेश फैल रहे हैं.

(PBUH) Rasulallah की कंपनी में Ashab-e-Sufa उनके जीवन बिताया है और ज्ञान प्राप्त है, की रक्षा और कुरान और हदीस की सही व्याख्या प्रचारित Tabaien और फिर ज्ञान टैब ई - Tabaien Tabaien द्वारा प्रचारित किया गया था और फिर Khulfa के लिए सूफीवाद के विभिन्न आदेशों के.

इल्म - ए - हक इस्लाम के इन सूफी संतों की शिक्षाओं और प्रथाओं में अपने शुद्ध रूप में पाया जाता है. ये Awliya अल्लाह, सर्वशक्तिमान के दोस्त हैं, जिसका सम्मान वह पवित्र कुरान में कहते हैं ..

लो! वास्तव में अल्लाह के दोस्त! कोई डर नहीं उन पर आता है, और न ही वे करेगा शोक. "

(कुरान-10: 62)

Saturday, November 17, 2012

ZALIM TEACHER NE CHHIN LI MAASOOM KI ZINDAGI?

(NAVBHARAT TIMES.TIMES OF INDIA.COM)

जालिम टीचर ने छीन ली मासूम की जिंदगी!

Piya Chaudhary
मां के साथ पिया की तस्वीर।
जयपुर।। टीचर की पिटाई की शिकार एक 9 साल की बच्ची की कैंसर की वजह से मौत हो गई। 2 साल पहले होमवर्क पूरा न करने पर टीचर ने पहली क्लास की स्टूडेंट को इतनी बुरी तरह से मारा कि उसकी आंख की रोशनी चली गई। लंबे वक्त तक इलाज के बाद भी उसके जख्म ठीक नहीं हुए और आखिरकार उसे कैंसर हो गया। शुक्रवार को इस बच्ची ने अंतिम सांस ली।

मामला 2 साल पहले का है। प्रिया चौधरी झुंझुनू के टैगोर स्कूल में पहली क्लास की स्टूडेंट थी। आरोप है कि टीचर ने होमवर्क पूरा न करने पर उसकी पिटाई कर दी थी। टीचर की पिटाई की वजह से पिया को न सिर्फ अपनी आंख गंवानी पड़ी, बल्कि उसके ब्रेन में भी क्लॉटिंग हो गई। 2 साल से दिल्ली के AIIMS में ट्यूमर्स के लिए उसका इलाज चल रहा था। उसकी आंख का भी 8 बार ऑपरेशन हुआ था, लेकिन कुछ महीने पहले डॉक्टर्स ने उसके परिजनों को बताया कि जख्मों में लिम्फोमा (एक तरह का कैंसर) हो गया है।

पिया की मौत के सदमे से उसका परिवार टूट चुका है। लेकिन उन्होंने तय कर लिया है कि उनकी बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार टीचर को वे सजा दिलाकर ही रहेंगे। अब पिया का परिवार चाहता है कि उसकी पिटाई करने वाले टीचर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाए। परिजनों का यह भी कहना है कि स्कूल मैनेजमेंट ने वादा किया था कि पिया चौधरी के इलाज का खर्च वही उठाएंगे, लेकिन बाद में स्कूल ने हाथ पीछे खींच लिए।

पिया के अंकल नवीन ने अंतिम संस्कार के बाद कहा, 'हम झूंझुनू सदर पुलिस में उस टीचर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराएंगे, जिसकी पिटाई की वजह से न सिर्फ प्रिया की आंख, बल्कि जिंदगी भी चली गई। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि सिर में आई गंभीर चोटों और ब्रेन में क्लॉटिंग की वजह से पिया की हालत बेहद गंभीर हो गई थी।'

6 सितंबर, 2012 को पिया की फैमिली ने टैगोर स्कूल के खिलाफ केस वापस ले लिया था। स्कूल मैनेजमेंट ने वादा किया था कि वह मुआवजे के तौर पर 15 लाख रुपये देगा। लेकिन परिजनों का कहना है कि स्कूल ने पूरे रुपये नहीं दिए। कुछ हिस्सा देने के बाद स्कूल ने उन्हें इग्नोर करना शुरू कर दिया। पिया के अंकल ने कहा, 'पिछले एक महीने से हम उन्हें कॉल कर रहे हैं, लेकिन वे बात नहीं कर रहे। ऐसे में हम फिर से केस खुलवाने के लिए कानूनी सलाह लेंगे।'

पिया की मां सोनू चौधरी के वकील ए.के. जैन का कहना है, 'परिवार ने कोर्ट में ऐफ़िडेविट दिया है कि स्कूल ने 15 लाख रुपये दिए हैं, इसलिए वे केस वापस ले रहे हैं। लेकिन फिर भी लावरवाही की वजह से मौत का मामला तो बनता ही है। हम परिवार की मदद के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।' पिया के परिवार के समर्थन के लिए बहुत से लोग और समाजसेवी संगठन भी आगे आ रहे हैं। चाइल्ड राइट्स ऐक्टिविस्ट विजय गोयल का कहना है, 'हम परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।'

Allama Iqbal-1


Friday, November 16, 2012

Muharramul haram

अस-सलामुअल्य्कुम वरह्मतुल्लाही वाबर्कातुह,
मेरे पियारे जाने अनजाने  दोस्तों सब खेरियत होगे,इस्लामिक मुसलमानों के नए साल की भी
सुरुआत २ दिन से हो चुकी है ये बड़े पियारे दिनी और तारीखी ऐयाम और दिन चल रहे है
इतिहास और तारीख गवाह है हमारे अस्लाफो ने  दिन को इस्लाम को जिंदा रखने के लिए
अपने आप की जान की बी क़ुरबानी दी कर्बला में जोहर की नमाज़ का वक़्त हो रहा था
अल्लाह के पियारो ने दुश्मनों से कहा कुछ वक़्त के लिए लड़ाई जंग बंद रखे
 हमें नमाज़ पद लेने दो मगर दुश्मनआ  इस्लाम ने उस वक़्त बी मजाक उड़ाई थी हशन हुसैन के साथ बावन साथी थे छाब्बिश चब्बिश की २ टीम बनायीं थी पहेली छाब्बिश ने नमाज़ पड़ी और छाब्बिश निगरानी रखकर लड़ते रहे मेरा कहेने का मंशा ये है की नमाज़ जैसी अहम् इबादते उओं लोगो ने न छोड़ी अपने को सहीद करना पसंद किया मगर अल्लाह के फ़राइज़ को न छोडे.आज का मुस्लमान जो अपने दिन इमांन  का सोडा करता है दुनिया के असबाब रहत सुकून ऐयाशी के लिए और पूरी मुस्लिम कोम और इस्लाम को बदनाम करता है उसे याद रखना छाहिये के हमें एक रोज़ मरना है अल्लाह को और अल्लाह के रसूल को मुह दिखIना है उस वक़्त हम किया मुह दिखाएगे,एक और किस्सा किताबो मई आता है हशन बशरी र. अ. ने राबिया बश्रिया को निकाह के लिए पैगाम भेजा था राबिया ने कहा मेरे कुछ सवालों का जवाब दोंगे तो मई निकाह करुगी १ सवाल जब हस्र मई हिशाब के रोज़ आमल नामा अल्लाह हर इन्शान के हाथमे देगे तो मेरा आमल नामा सीधे हाथ मे दिया जाएगा या उलते हाथ मे हशन र.अ. ने कहा मुझे मालोम नहीं २ सवाल किया राबिया बशरी र.अ. ने की मे जन्नती हु या जहान्नामी  हशन बशरी र.अ. ने कहा मुझे पता नहीं ३ सवाल  मे अल्लाह की महेबुबा हु या अल्लाह की दुश्मन हशन र.अ.ने कहा मुझे पता नही तो रबियाने कहा तो फिर रहेने दो मुझे आखिरत की तयारी  करने दो इतने डरते थे वोह लोग और अज हमारा हाल   ये है  हम गुनाह करके बी फख्र करते है कितनी बुरी बात है,एक और किश्हा बी सुनो पदों  एक सैयदना बेवा औरत एक मालदार के पाश गयी कहा मेरी कुछ इमदाद करो मरी बचिया जवान हो गयी है खाने पिने को कुछ नहीं है  उस मुस्लमान मालदार ने कहा किया साबुत है तू सैयद है बहुत आजिजी की मगर वो न मiनI वो औरत थक हIर के एक मजुशी के पास गयी मजुशी यानी पारसी आगको पुओजने वाला उसने उओस औरत की मदद की अपने यहाँ सहारा दिया रात मे  मुस्लमान मालदार ने ख्वाब देखा जिसमे सबको आप स.व. जन्नत के महेल मे भेज रहे है जाने को कह रहे है  उओस अमुसलमान ने कहा मुझे बी मेरे बंगलेमे जाने दो  हुजुर स.व. ने कहा किया साबुत है तू इमांन वाला है तूने उओस औरत से प्रूफ मांगा था. जब सुबह आंख खुली तो दोड़ता हुवा उस औरत को धुनने गया धुनते धुनते वोह मजूसी के वह मिली उओसने उओस्से कहा भाई ये मुस्लमान तू मजूसी  इसे मेरे हवाले करदे आजाद करदे उओसने न इनकार कर दिया और कहा सुनो जब ये आई तो मैंने इसे पनाह दी इसका तावुन किया उओसी वक़्त मेरे दिल मे बात आई और मेने कलमा पड़कर इस्लाम मे दखिल हो गया आज बी मुस्लमान खुद इस्लाम को समजा नहीं है और दुसरो के साथ दिन का सौदा कर रहा है गैर तो गैर खुद मुस्लमान मुस्लमान के लिए मुह मे आये वोह बकता है  अपने भाई यो को तकलीफ देता है ये बहुत बुरी बात है यक़ीनन अछे बुरे का फैश्ला होना है यहाँ तो भुगतना है और आखिरत का माम्लातो बहुत मुश्किल है अल्लाह हमसब को नेक  हिदायत दे और स्म्जाकर दिन की कदरदानी नसीब करे आमीन (जुम्मा के रोज़ शैख़ मुहम्द हनीफ लुहर्वी के बयान मैसे )